भावनाएं जब बह निकलती,
तोड़ कर हर बाँध को,
मौन...
स्वर बन स्फुटित करता -
अनकहे उदगार को .
शिशु की ऊँगली पकड़कर
जो बचाती चोट से..
देखकर पीड़ा उसीकी ..
व्यथित होती क्षोभ से .
डेनों में हरदम संजोकर
उम्र भर पाला जिसे ...
भेजकर परदेस...
अश्रु बह चले सन्देश ले...
नीड़ अपना जा सजाना ,
प्रेम और विश्वास पर ...
जो अडिग ,अक्षेय होकर
झेले झंजावात को...
सच तो यह है,
आह भी हलकी सी उठती है जहाँ ..
माँ का दिल ढाल बनकर ...
हो खड़ा जाता यहाँ !
यह सभी संकेत माँ के
प्रेम का प्रतिरूप हैं
जिसकी महिमा ...जिसकी शक्ति से
सभी अभिभूत हैं !!!!
तोड़ कर हर बाँध को,
मौन...
स्वर बन स्फुटित करता -
अनकहे उदगार को .
शिशु की ऊँगली पकड़कर
जो बचाती चोट से..
देखकर पीड़ा उसीकी ..
व्यथित होती क्षोभ से .
डेनों में हरदम संजोकर
उम्र भर पाला जिसे ...
भेजकर परदेस...
अश्रु बह चले सन्देश ले...
नीड़ अपना जा सजाना ,
प्रेम और विश्वास पर ...
जो अडिग ,अक्षेय होकर
झेले झंजावात को...
सच तो यह है,
आह भी हलकी सी उठती है जहाँ ..
माँ का दिल ढाल बनकर ...
हो खड़ा जाता यहाँ !
यह सभी संकेत माँ के
प्रेम का प्रतिरूप हैं
जिसकी महिमा ...जिसकी शक्ति से
सभी अभिभूत हैं !!!!
अभिभूत हूँ आपको पढ़कर..
ReplyDeleteवाह वाह बहुत सुन्दर रचना हम भी अभिभूत हुये।
ReplyDeleteगजब की कविता।
ReplyDeleteबेहतरीन।
सादर
kthy aur shilp dono hi drishti se uttm rchna bdhai swikar kren
ReplyDeletekropya meri maun rchna bhi dekhne ka ksht kren" ek blog sb ka "pr hai
dr.vedvyathit@gmail.com
09868842688
बहुत बहुत सुन्दर...कोमल सा रिश्ता..सुकोमल भाव....
ReplyDeleteवाह सरस जी..
माँ तो बस माँ
ReplyDeleteमॉं के बारे में जहां भी कभी पढ़ा मन को भावुक कर जाता है ... बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ।
ReplyDeleteमां से बढ़कर कोई नहीं... मां तो बस मां है...
ReplyDeleteमा के ऊपर कुछ भी लिखने के लिए शब्द कम पढ़ जाते हैं ....
ReplyDelete.. दिल को छू गयी आपकी रचना ...
माँ तो बस माँ...बहुत खूबसूरत प्रस्तुति| धन्यवाद।
ReplyDeleteखूबसूरत कविता...भाव भीनी...
ReplyDeleteसबसे पहले हमारे ब्लॉग 'जज्बात....दिल से दिल तक' पर आपकी टिप्पणी का तहेदिल से शुक्रिया.........आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आना हुआ...........पहली ही पोस्ट दिल को छू गयी.......और आपकी प्रोफाइल ने भी प्रभावित किया.......सादगी भरा लगा सब कुछ........कितने खुबसूरत जज्बात डाल दिए हैं आपने..........बहुत खूब...........आज ही आपको फॉलो कर रहा हूँ ताकि आगे भी साथ बना रहे|.....आपके ब्लॉग का नाम और पीछे की तस्वीर भी बहुत अच्छी लगी ।
ReplyDeleteकभी फुर्सत में हमारे ब्लॉग पर भी आयिए- (अरे हाँ भई, सन्डे को भी)
http://jazbaattheemotions.blogspot.in/
http://mirzagalibatribute.blogspot.in/
http://khaleelzibran.blogspot.in/
http://qalamkasipahi.blogspot.in/
एक गुज़ारिश है ...... अगर आपको कोई ब्लॉग पसंद आया हो तो कृपया उसे फॉलो करके उत्साह बढ़ाये|
"माँ" बेहतरीन रचना.....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर रचना...
ReplyDeleteशानदार भावपूर्ण अभिव्यक्ति.
ReplyDeleteमन मग्न हो गया है पढकर.