रिश्ते
वह विश्वास !
जो अदम्य है ..
अगाध है ...
अद्भुत है ...
जो उस खिलखिलाते
बच्चे में
जिसे आसमान में उछाला
है ,
लोकने के लिए
....!!
वह लक्ष्मण रेखा
जो तै करती
है सीमाएं
आचरण की ...
व्यवहार की...
और उनसे जुड़े
सही गलत की
....
वह बोझ ..!
जिसे कभी चाहकर....
कभी मजबूरी में ...
सहना है
खुशी....
और कड़वाहटओं के बीच...!!
वह सौगातें ...!
जो धरोहर सी....
महफूज़ रखते हैं
कभी ..
और कभी...
कूड़े के ढेर
पर छोड़ आते
हैं ....!!!
नाज़ुक से ...
कभी कांच से
...
रेशम के धागे
से कभी ...
पर बला की
कूवत
संजोये रहते हैं
...!!!