Friday, March 16, 2012

....एक ख़त ....बिटिया के नाम !



आज भी याद है मझे वह दिन -
जब मेरी कल्पना को एक रूप मिला था ....तुम्हारे रूप में -
जब पहली बार नर्स ने तुम्हे मेरे पास लिटाया था -
एक अनोखे उत्साहने घेर लिया था तब -
यह मेरे ही शरीर का हिस्सा है ...मुझसे बना , मेरा अंश !
जैसे विश्वास ही नहीं हो रहा था .

तुम बगल में लेटीं, इस नई दुनिया को निहार रही थीं
'आहा..आहा '
यह स्वर तुम्हारे कंठ से -किसी घुंघरू की खनक से लग रहे थे 
वह पल-
वहीँ ठहर गया-
एक तस्वीर की तरह जड़ गया..

२३ साल बीत गए -
कुछ ही महीनों में तुम्हारा विवाह है .
इन गुज़रे सालों में तुम , मेरा हिस्सा थीं ...
जैसे किसी पेंटिंग में बक ग्राउंड - जिसके बिना पेंटिंग अधूरी है
और होती भी क्यों नहीं ....
तुम मेरे ही बताये रंग पहचानती थीं -
मेरे ही बताये रंग भरती थीं ...

फिर एक दिन मैंने कुछ नए रंग देखे -
वे रंग जो मैंने तुम्हे नहीं दिखाए थे-

धीरे धीरे वही रंग तुम्हारी ज़िन्दगी बन गए
मेरे रंग धुंधले.....
जिन्हें देखकर तुम बड़ी हुई थीं .

उन रंगों का धुंधला होना , तुमसे देखा नहीं गया-
तुम्हे वे भी प्रिय थे , जैसे मैं थी .
तुमने आहिस्ता आहिस्ता उन रंगों में अपनी छठा मिलाकर , दोबारा रंग दिया
ब्रश के हर स्ट्रोक के साथ मुझे अहसास होता गया ...की रंग बिलकुल बदल चुके हैं -
-शायद यही जीवन का सच है -

बच्ची मेरी -
मैं तो चाहूंगी तुम हमेशा खुश रहो -
तुम्हारा जीवन साथी तुम्हे इतना प्यार दे -
की तुम्हे -
माँ के बताये रंग  न ढूँढने पड़ें .
जीवन में नयी नयी तसवीरें बनाओ -
उनमें नए रंग भरो-
और फिर जब अपने बगल में एक प्यारिसी नन्हीसी जान को देखकर भरमाओ-
तो उसे उसे भी उन रंगों से मिलाओ -
जो तुम्हारा सच हैं ....


और हमें  इस सच को स्वीकारना है . जब जब बच्चों के जीवन में कोई नया प्रवेश करता है, तो वही सबसे  महत्वपूर्ण हो जाता है. तब हमारी बातें, हमारे संस्कार ,हमारे विचार  कम महत्वपूर्ण हो जाते हैं.  लेकिन फिर ...हम बच्चों की ख़ुशी की दुहाई देकर संतोष कर लेते हैं .

 

34 comments:

  1. सत्य तो स्वीकारना ही पडता है और उसे आपने खूबसूरती से उकेरा है ………जीवन चलने का नाम है तो उसमे पडाव तो आयेंगे ही ……बच्चों के जीवन मे जो रंग आपने भरे हैं वो भी कभी नही मिटेंगे क्योंकि पहला रंग कभी मिटाया नही जा सकता …………बहुत गहरा होता है बिटिया के विवाह की हार्दिक शुभकामनायें ईश्वर उसे हर खुशी प्रदान करे।

    ReplyDelete
    Replies
    1. apki rachna se milti julti karti meri pas bhi hai... mere bete ke janm ke samy se aj 6 varsh uprant tak uski har choti badi ghtna ko main "my feelings" namak rachna main likh rahi hu....apki rachna padkar aisa laga apne meri bhavnaye chura li hai..... shayad har ma ki yahi bhavnaye haii ..

      Delete
    2. Theek kaha aapne....maa ki bhavnaein sirf maa ki hi hoti hain ...kisi vyakti vishesh ki nahi ....."There is only one beautiful child in this world and every mother has it ."

      Delete
    3. "फिर एक दिन मैंने कुछ नए रंग देखे -
      वे रंग जो मैंने तुम्हे नहीं दिखाए थे-

      धीरे धीरे वही रंग तुम्हारी ज़िन्दगी बन गए
      मेरे रंग धुंधले.....
      जिन्हें देखकर तुम बड़ी हुई थीं ."
      dil chhooti panktiyaan! bahut sundar

      Delete
    4. "फिर एक दिन मैंने कुछ नए रंग देखे -
      वे रंग जो मैंने तुम्हे नहीं दिखाए थे-

      धीरे धीरे वही रंग तुम्हारी ज़िन्दगी बन गए
      मेरे रंग धुंधले.....
      जिन्हें देखकर तुम बड़ी हुई थीं ."
      dil chhooti panktiyaan! bahut sundar

      Delete
  2. सुन्दर प्रस्तुति ।

    ReplyDelete
  3. मां की पाती ... बिटिया के नाम ..भावनाओं का अनूठा संगम ..उसे रंगों को पहचानना आपने ही सिखाया है जिन्‍हें वह हमेशा याद रखेगी ..बधाई सहित शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  4. गहन सत्य है समय के साथ बहुत कुछ बदलता है परन्तु मन अतीत में ही जीना चाहता है बहुत मुश्किल होती है सामंजस्य बिठाने में.........एक माँ के दिल से निकली सच्ची दुआ है ये पोस्ट.......ईश्वर आपकी बेटी को खुश रखे.....आमीन।

    ReplyDelete
  5. भावनाओं को लिखते हुए आप जितना भाव विह्वल हुई होंगी, पढ़ने वाले भी वही महसूस कर रहे हैं उसी तीव्रता के साथ!
    भावपूर्ण रचना के लिए बधाई!
    सादर!

    ReplyDelete
  6. आपके मन के जज्बातों को समझना मुश्किल नहीं ... हर शब्द भावुक कर रहा है ...

    ReplyDelete
  7. बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्त किये आपने सरस जी...

    हमारी ओर से एक पूरा का पूरा इन्द्रधनुष बिटिया के लिए......
    रंगों की कभी कमी ना रहे....
    सस्नेह.

    ReplyDelete
  8. और फिर जब अपने बगल में एक प्यारिसी नन्हीसी जान को देखकर भरमाओ-
    तो उसे उसे भी उन रंगों से मिलाओ -
    जो तुम्हारा सच हैं ....
    बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,बेहतरीन सटीक रचना,.के लिए बधाई .....

    MY RESENT POST ...काव्यान्जलि ...: तब मधुशाला हम जाते है,...

    ReplyDelete
  9. बहुत ही बढ़िया

    सादर

    ReplyDelete
  10. बच्ची मेरी -
    मैं तो चाहूंगी तुम हमेशा खुश रहो -
    तुम्हारा जीवन साथी तुम्हे इतना प्यार दे -
    की तुम्हे -
    माँ के बताये रंग न ढूँढने पड़ें .
    जीवन में नयी नयी तसवीरें बनाओ -
    उनमें नए रंग भरो-
    BEAUTIFUL WISH WITH LOTS OF BLESSINGS.
    WHY THANKS.IT YOUR WISH TO WISH.

    ReplyDelete
  11. बहुत ही प्यारी रचना,आँखें भर आईं मैं भी एक बेटी की मान जो हूँ,आप की बात पूरी तरह समझ सकती हूँ,जीवन ऐसा ही है निरंतर बदलाव आते है पर हम खुद को उन बदलाव में जल्द नहीं ढाल पाते ,आप ने बहुत ही सुन्दर शब्दों में लिखा ये बदलाव,आप को खूब खूब बधाई

    ReplyDelete
  12. बहुत मर्मस्पर्शी रचना...आँखें नम कर गयी..

    ReplyDelete
  13. सुंदर और संवेदनशील रचना बधाई .......

    ReplyDelete
  14. दिल से लिखी गई रचना।

    ReplyDelete
  15. बिटिया के नाम खत ... बहुत संवेदनशील ... सुंदर भावभिव्यक्ति ॥

    ReplyDelete
    Replies
    1. सुन्दर सृजन, सुन्दर भावाभिव्यक्ति.

      कृपया मेरे ब्लॉग"meri kavitayen" पर पधार कर अपनी राय प्रदान करें.

      Delete
  16. सुन्दर प्रस्तुति.....बहुत बहुत बधाई...

    ReplyDelete
  17. कल 19/03/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  18. बहुत ही प्यारी सी मासूम रचना...आप के ब्लांग में आना बहुत अच्छा लगा..स्वागत है.. सरस जी..

    ReplyDelete
  19. शुभकामनायें बिटिया को ...
    शुभकामनायें आपको !

    ReplyDelete
  20. नम हो आये आँखों के कोर.जाने क्या क्या याद सा दिला दिया आपने.

    ReplyDelete
  21. बहुत सुन्दर यादें

    ReplyDelete
  22. जब जब बच्चों के जीवन में कोई नया प्रवेश करता है, तो वही सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है. तब हमारी बातें, हमारे संस्कार ,हमारे विचार कम महत्वपूर्ण हो जाते हैं.
    लेकिन बच्चों के रंग का आधार तो बड़े ही हैं... माता पिता का आशीष ही सबसे पक्का रंग है, बच्चों के नवजीवन का.
    बहुत अच्छी लगी आपकी ये कविता.
    सादर

    ReplyDelete
  23. bahut hi bhavnamayi prastuti jaise har ma ke dil ki bat kh di ho thanks.

    ReplyDelete
  24. अनोखे उत्साह को पाठकों में संचार करती प्रवाहमयी रचना के लिए बधाई..

    ReplyDelete
  25. बहुत खुबसूरत.... वाह

    ReplyDelete
  26. बहुत ही भावपूर्ण रचना ,मन को छू गयी

    ReplyDelete