५४ साल लम्बी यादें........उतार चढ़ावों से भरीं, जिसमें बहुत कुछ बीता.....
कुछ फाँस सा असहनीय पीड़ा दे गया ....
कुछ अनायास ही खिल आनेवाली मुस्कराहट का सबब बन गया....
कुछ एक कविता बन मुखरित हो गया...
कुछ , बस यूहीं धूप में छाँव सा ठंडक पहुंचा गया ......
और यादों का यह काफिला , पृष्ट दर पृष्ट पूरा जीवन बन गया
जिसमें गाहे बगाहे, कुछ सुरीले, सुखद क्षण,
.....मेरे हिस्से की धूप बन गए.....
डोली बैठाके
ReplyDeleteबिदा हुई बिटिया
घर उदास
हृदयस्पर्शी हाइकु
ReplyDeleteगाओ बधाई
बिटिया घर आयी
फैला उजास
अब इसी की आवश्यकता है ... सशक्त प्रस्तुति।
बेटियाँ तो इन्द्रधनुष सी होती हैं और यह हाइकु प्यार की बरसात
ReplyDeleteबहुत सुन्दर.....
ReplyDeleteप्यारे प्यारे हायेकु
अनु
यादें उसीकी
ReplyDeleteबह्लायेंगी जी को
लायेंगी पास
सुन्दर हृदयस्पर्शी हाइकु...
बहुत सुंदर हाइकु
ReplyDeleteबहुत बढ़िया आंटी
ReplyDeleteसादर
मर्मस्पर्शी ..
ReplyDeleteयादें उसीकी
ReplyDeleteबह्लायेंगी जी को
लायेंगी पास
VERY NEAR TO HEART SO NICE ALL TIME GREAT LINES .
बेटियाँ होती ही ऐसी हैं.. बहुत सुंदर हाइकु
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाइकू !::)
ReplyDeleteबिटिया के प्रेम ... उसके अंतस को समेटे सभी हाइकू लाजवाब हैं ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर सभी बहुत अच्छे हैं और एक दुसरे से जुड़े हुए हैं।
ReplyDeleteये उदगार हर्षित कर रहा है..
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