Thursday, September 5, 2013

मुग़ालते



अच्छा लगता है मुगालतों में जीना
उन एहसासों के लिए
जो आज भी धरोहर बन
महफूज़ हैं कहीं भीतर -
उन लम्हों के लिए
जो छूट गए थे गिरफ्त से ...
जिए जाने से महरूम ...
लेकिन आज भी
उतनी ही ख़ुशी देते हैं !
उन यादों के लिए
जो आज भी जीता रखे हैं
उन अंशों को
जो चेहरे पर उभर आयी मुस्कराहट
का सबब बन जाते हैं ...
हाँ ...मुग़ालते अच्छे होते हैं ...!!!!!

13 comments:

  1. जीने के लिए ज़रूरी है कुछ भ्रम बने ही रहे!
    सुन्दर अभिव्यक्ति.

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  2. दिल के खुश रहने को,ग़ालिब ये ख़याल अच्छा है.....

    सुन्दर रचना है दी...

    सादर
    अनु

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  3. inhe mugalata kahen ya swabhimaan hamen inhe bakarakaraar rakhana chahiye

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  4. जब तक वो चेहरे पर मुस्कान दे जाए..फिर मुगालते हुए तो क्या ..

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  5. बहुत से मुगालते पाले रहते हैं हम , जीना आसान हो जाता है ...

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  6. कुछ दाग की तरह कुछ मुगालते भी अच्छे होते हैं :)

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  7. भावो का सुन्दर समायोजन......

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  8. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

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  9. बहुत सुन्दर प्रस्तुति। ।

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  10. मुगालते..जीवन की कठिन रहा को कुछ आसान बना देते हैं .
    सुन्दर रचना

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  11. हाँ ...मुग़ालते अच्छे होते हैं .....

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