Tuesday, August 27, 2013

अलौकिक प्रेम



राधा के महावरी पांवों को-
माधवने माथे धारा था
तब रुक्मिणी औए सत्यभामा से भी
ऊँचा स्थान दे डाला था -
राधा फिर भी आशंकित सी
कान्हा का प्रेम परखती थी -
जबकि कान्हा ने भक्ति में -
अपना सर्वस्व दे डाला था
है भक्तों को पाना मुझको
तो राधा नाम का स्मरण करें -
भक्ति होगी फलदायक तब
मुझसे पहले उसे नमन करें -
जिसको कहती निर्मोही वह
उसने यह वचन निभाया था -
कान्हा से पहले भक्तों ने
राधा का नाम पुकारा था .
जिस प्रकार सूर्य है कांतिहीन
जब किरणें पास नहीं उसके -
वैसे माधव अस्तित्वहीन
जब राधा साथ न थी उनके
इस दैवी निश्छल प्रेम का अर्थ
भक्तों से सदा अनजाना था -
इस अन्तरंग शक्ति को अपनी
माधवने सर्वस्व दे डाला था .




19 comments:

  1. बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,,
    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें,सादर!

    RECENT POST : पाँच( दोहे )

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  2. जिस प्रकार सूर्य है कांतिहीन
    जब किरणें पास नहीं उसके -
    वैसे माधव अस्तित्वहीन
    जब राधा साथ न थी उनके
    बहुत ही भक्तिपूर्ण ख़ूबसूरत रचना

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  3. " अनुखन माधव माधव सुमिरियत सुन्दरि भेलि मधाई । या गुण रुप सुभावहिं बिसरल अपनेहुँ गुन लुब्धाई । " सुन्दर रचना ।

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  4. जिस प्रकार सूर्य है कांतिहीन
    जब किरणें पास नहीं उसके -
    वैसे माधव अस्तित्वहीन
    जब राधा साथ न थी उनके

    सच ही राधा के बिना कृष्ण कहाँ ... बहुत सुंदर प्रस्तुति

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  5. बहुत खुबसूरत भाव से ओत प्रोत रचना
    latest postएक बार फिर आ जाओ कृष्ण।

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  6. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें......राधा और कृष्ण का अनुपम प्रेम ........खुबसूरत अभिवयक्ति.....

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  7. श्री कृष्णजन्मोत्सव की हार्दिक बधाई

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  8. HE MRISHN GOVIND HARE MURARE
    HE NAATH NARAYAN WASUDEW

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  9. यह राधा-भाव ही कृष्ण में लीन होने की सामर्थ्य देता है!

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  10. ♥ जय राधे ♥ जय श्री कृष्ण ♥
    ✿⊱╮✿⊱╮✿⊱╮
    ..(¯`v´¯) •./¸✿
    (¯` ✿..¯))✿/¸.•*✿
    ...(_.^._)√•*´¨¯(¯`v´¯).
    ...✿•*´)//*´¯`*(¯` ✿ .¯)
    .....✿´)//¯`*(¸.•´(_.^._)
    ♥ जय राधे ♥ जय श्री कृष्ण ♥

    श्री कृष्ण जन्माष्टमी की बधाइयां और शुभकामनाएं !


    ✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿
    है भक्तों को पाना मुझको
    तो राधा नाम का स्मरण करें -
    भक्ति होगी फलदायक तब
    मुझसे पहले उसे नमन करें -

    वाऽहऽऽ…!
    आपने तो कृष्ण को पाने का रहस्य बता दिया...
    आभार आदरणीया सरस जी

    सुंदर मनभावन रचना के लिए साधुवाद
    ✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿✿
    मंगलकामनाओं सहित...
    राजेन्द्र स्वर्णकार

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  11. हार्दिक शुभकामनायें

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  12. राधा है तो कृष्ण हैं ... कृष्ण है तो राधा ...
    इस आलोकिक प्रेम को उनके जैसा हो के ही समझा जा सकता है ...

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  13. बहुत खूब
    कभी यहाँ भी पधारें

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  14. श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें...

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  15. जिस प्रकार सूर्य है कांतिहीन
    जब किरणें पास नहीं उसके -
    वैसे माधव अस्तित्वहीन
    जब राधा साथ न थी उनके
    bhakti se sarabor ..:)

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  16. बहुत ही सुन्दर रचना ।

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  17. बहुत सुंदर रचना...कोटिशः बधाई।।।

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  18. बहुत ही सुन्दर रचना.. राधा का स्थान तो सर्वोपरि है , कृष्ण राधा से विलग नहीं .

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