Tuesday, March 19, 2013

परिभाषाएं - (१ )




चाँद -

सपनों की वह दुनिया
जहाँ कहानियाँ बुनी जाती हैं  -
और कते हुए सूत के छोर से बंधी
हम तक पहुँच जाती हैं ...

वह हमदर्द !
जो हर तड़प से वाकिफ़ है
जो हर उस हिचकी की वजह जानता है
जो विरह के रुदन से उठती है .....

वह क़ासिद !
जिससे सबको उम्मीद है
की हर हाल में , मेरा पैगाम
वह माहि तक पहुंचा ही देगा .....

वह दाता !
जिससे हर सुहागन
कुछ साल उधार माँगती है
कि उसका सुहाग बना रहे .....

वह दानवीर !
जो देता है , देता जाता है
इस दर्जा कि खुद रीता हो जाता है
लेकिन दुआओं के असर से फिर बढ़ जाता है
जो एवज में मिलतीं हैं उसे ....

20 comments:

  1. वो एक...हमदर्द, कासिद, दानवीर... जाने क्या क्या... सबकी चाहत... देव भी और रोटी भी... सुन्दर रचना, बधाई.

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  2. चाँद,वो हमदर्द,वो कसीद,वो दाता ,वो दानवीर....
    सभी को परिभाषाओं में बांधना कठिन....

    बहुत सुन्दर ..
    सादर
    अनु

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  3. बधाई हो आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति आज के ब्लॉग बुलेटिन पर प्रकशित की गई है | सूचनार्थ धन्यवाद |

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  4. परिभाषाओं की परिधि पर मुस्काता चाँद..

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  5. वह हमदर्द !
    जो हर तड़प से वाकिफ़ है...
    ---------------------
    चाँद का दिलचस्प किस्सा ...

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  6. बहुत खूब ... चाँद को अलग अलग एंगल से देखा है आपने ...
    गहरा अर्थ किये हैं सभी ...

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  7. बहुत बढ़िया -
    शुभकामनायें आदरेया -

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  8. ओ चाँद ....तू तो मेरा अपना है .....हर तरह से ....
    बहुत सुन्दर परिपक्व परिभाषाएं सरस जी .......
    चंद को एक पूर्णता दे रहीं हैं ...!!

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  9. बहुत ही बढियां प्रस्तुति,आभार.

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  10. सपनों की वह दुनिया
    जहाँ कहानियाँ बुनी जाती हैं -
    और कते हुए सूत के छोर से बंधी
    हम तक पहुँच जाती हैं ...
    बेहतरीन ....आकर्षक शब्द,सुन्दर ख़याल और सरल बयानगी

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  11. जैसे परिभाषाओं का यह सिरा सब को एक दूसरे से जोड़े रखता है ...
    बेहतरीन प्रस्‍तुति

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  12. चाँद तो एक है,लेकिन सबका देखने का अपना नजरिया है ,,,

    Recent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,

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  13. चाँद कभी एक सा नहीं रहता ....और आपने तो इसे कितनी ही परिभाषाओं में बाँध दिया ...वाह ..बहुत सुंदर

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  14. chand ko bilkul alag tareeke se dekha aapne

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  15. Chaand ek aur uske alag-alag kai roop kai arth........! bahut khoobsurti se aapne chaand se parichay karvaya hai, vakai!

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  16. शानदार बहुत खूब
    वही हमदर्द बनता है कभी कसीद बन जाता है
    वही दाता बन जाता है वही फिर दान दाता है

    unpredictable so nice thought

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  17. सुंदर रचना, बेहतरीन अभिव्यक्ति !

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  18. bhavpoorn rachana ke sath sundar prastuti ke liye badhai .

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  19. बहुत सुंदर .... हर परिभाषा सोचने पर विवश करती हुई

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