१० मार्च...आज पापा का जन्म दिन है आज से ४ साल पहले पापा कैंसर से लड़ते हुए २१ जून को हमें छोड़ कर चले गए . उनकी चौथी पुण्यतिथि पर मैंने अपने ब्लॉग पर एक पोस्ट डाली थी जो आज आप सबके साथ शेयर करना चाहती हूँ ......
http://merehissekidhoop-saras.blogspot.in/2012/06/blog-post_1410.html
यह किताब पापा का सपना थी ...१० वर्ष के अथक शोध के बाद उन्होंने इस काव्य नाट्य की रचना की ...वे चाहते थे यह किताब सब तक पहुंचे ...लेकिन उनका यह सपना उनके जीते जी पूरा न हो सका .....उनके सपने को पूरा करने का यह बीड़ा मैंने उठाया और आज यह किताब
http://www.infibeam.com/Books/agyaat-raavan-shabd-kumar/9788188216826.html
और
http://www.flipkart.com/search/a/booksquery=agyaat+raavan&vertical=books&dd=0&autosuggest%5Bas%5D=off&autosuggest%5Bas-submittype%5D=entered&autosuggest%5Bas-grouprank%5D=0&autosuggest%5Bas-overallrank%5D=0&autosuggest%5Borig-query%5D=&autosuggest%5Bas-shown%5D=off&Search= &otracker=start&_r=XCS_bwZ_ge8x3giVCX_5fw--&_l=MHzwajeMCXBPHY1KaGPeZQ--&ref=2188d43d-ed74-492c-b270-ffe62252495f&selmitem=Books&ab_as_bucket=queries-fallback
पर उपलब्ध है .......मुझे ख़ुशी है की पापा का यह सपना पूरा हुआ ....हम सबकी तरफसे पापा को यही श्रद्धांजलि है .....
विनम्र श्रद्धांजलि .....किताब ज़रूर पढ़ेंगे ...!!
ReplyDeleteपरम श्रधेय को हार्दिक नमन
ReplyDeleteउनको मेरी तरफ से विनम्र नमन. पुस्तक प्रकाशन का हर्ष मैं समझ सकता हूँ. ये वाकई सच्ची श्रधांजलि है.
ReplyDeleteश्रद्धेय को नमन. पुस्तक प्रकाशन के रूप में सच्ची श्रद्धांजलि डी है आपने उन्हें.भारत आते ही यह किताब लेने की कोशिश होगी.
ReplyDeleteबाबूजी को मेरी श्रद्धांजली और आपके पुत्री होने के बाद भी पित्री ऋण को पुत्रवत पूर्ण करने की बधाई
ReplyDeleteउन्हें शत-शत नमन ...यकीनन यह एक सच्ची श्रद्धांजलि है ...
ReplyDeletevinamr shradhanjali
ReplyDeleteपूज्य पिता जी को नमन साथ में बेटी को भी..
ReplyDeleteश्रधेय की श्रधान्जली,आभार.
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि -उनकी भावनायों का कद्र करके आपने सच्ची श्रद्धांजलि दी .
ReplyDeletelatest postअहम् का गुलाम (दूसरा भाग )
latest postमहाशिव रात्रि
पापा का यह सपना पूरा करके आपने सच्ची श्रद्धांजलि दी है,,,,
ReplyDeleteRecent post: रंग गुलाल है यारो,
विनम्र श्रद्धांजलि
ReplyDeleteतो आपके पिता श्री भी रचनाकार थे .....?
ReplyDeleteशब्द कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजलि ...!!
हार्दिक नमन !
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि !
हार्दिक श्रद्धांजलि
ReplyDeleteसादर
इस पुस्तक के प्रकाशन के प्रयास की सफलता और स्नेह दोनो ही सराहनीय है ...
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि ...
सादर
आप भाग्यशाली हैं अपने पापा का सपना पूरा कर सकीं ...
ReplyDeleteनमन है उनको उनके काव्य को ...
आप के पिता जहाँ भी होगे उन्हें बेहद ख़ुशी और सुकून मिला होगा ,आप सी बेटी सब को मिले
ReplyDelete-***
ReplyDeleteविनम्र श्रध्हांजलि
ReplyDeleteएक स्वप्न के पूर्ण होने की ख़ुशी
ही सच्ची श्रध्ध्हांजलि है...........
साभार..........
विनम्र श्रद्धांजलि ....
ReplyDeleteअनूठी रचना है उनकी.....श्रद्धांजलि ।
ReplyDeleteShat-shat naman..
ReplyDeleteसच्ची श्रद्धांजलि .... शब्द कुमार जी को नमन .... पुस्तक ज़रूर पढ़ेंगे ।
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