tag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post5754936579663402931..comments2023-10-18T05:09:15.169-07:00Comments on मेरे हिस्से की धूप: -यह शहर -Sarashttp://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comBlogger28125tag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-34331249702847344812012-05-04T05:46:10.688-07:002012-05-04T05:46:10.688-07:00आह ! अति सुन्दर ...आह ! अति सुन्दर ...Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-16990003700299245982012-04-26T00:43:31.034-07:002012-04-26T00:43:31.034-07:00वीरुभई सबसे पहले तो आपका धन्यवाद कहूं की आपने इतने...वीरुभई सबसे पहले तो आपका धन्यवाद कहूं की आपने इतने ध्यान से कविता को पढ़ा ...वर्ना अक्सर सिर्फ टिप्पणी के नाम पर टिप्पणी दे दी जाती है <br />दूसरी बात ...आपसे क्षमा चाहूंगी , वह त्रुटी शब्द बोध की वजहसे नहीं वरन टाइप फॉण्ट की वजह से हुई अंग्रेजी में टाइप करके अनुवाद करने में यह चूक हो गयी और तीसरी बात मुफीक यानि उचित, sateek, suitable....Sarashttps://www.blogger.com/profile/04867240453217171166noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-63058299761292073652012-04-25T07:28:10.952-07:002012-04-25T07:28:10.952-07:00उस कीमती कालीन के नीचे-
छिपा हुआ सा एक.....
दलदल ...उस कीमती कालीन के नीचे-<br />छिपा हुआ सा एक.....<br /> दलदल भी है ....!!!!! bahot achche.....mridula pradhanhttps://www.blogger.com/profile/10665142276774311821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-3815201972149472192012-04-25T02:30:04.081-07:002012-04-25T02:30:04.081-07:00सुंदर रचना,....सुंदर रचना,....sangitahttps://www.blogger.com/profile/15885937167669396107noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-6763798557308093172012-04-24T23:18:33.636-07:002012-04-24T23:18:33.636-07:00यह शहर वादों का शहर है -
पर्त दर पर्त चस्पां होते ...यह शहर वादों का शहर है -<br />पर्त दर पर्त चस्पां होते जो -<br />उन चेहरों पे जो गाँव, कस्बों में-<br />राह तकते हैं..बात जोहते हैं .....<br /><br />यह ज़ज्बातों का शहर भी है -<br />इनके मूँह मांगे दाम मिलते हैं -<br />यह हर दस्तूर को निभाते है -<br />हर मौके पे , मुफिक होते हैं ......<br /><br />बढ़िया प्रस्तुति .भाव प्रधान अनुभूति सघन रचना .कृपया 'बाट' और मुंह शुद्ध रूप लिख लें .और मैं ये मुफिक क्या चीज़ है कहीं माफिक या मुरीद तो नहीं ?कृपया अन्यथा न लें . <br /><br />हर मौके पे , मुफिक होते हैं ....क्या अर्थबोध निकालें इस पंक्ति का .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-32159126826294288912012-04-24T23:06:49.787-07:002012-04-24T23:06:49.787-07:00एक शहर जिसके हर हिस्से को आपने शब्दों में साकार क...एक शहर जिसके हर हिस्से को आपने शब्दों में साकार किया है बहुत सुन्दर रचना ...वाहRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-159323009538229712012-04-24T22:54:12.066-07:002012-04-24T22:54:12.066-07:00सपनों का शहर .... खूबसूरती से शहर को परिभाषित किया...सपनों का शहर .... खूबसूरती से शहर को परिभाषित किया ... दलदल से बचाने में भलाई हैसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-15258832867376217672012-04-24T22:38:13.354-07:002012-04-24T22:38:13.354-07:00इस शहर के अनेक चेहरों में -
एक चेहरा, छिपा अभी भी ...इस शहर के अनेक चेहरों में -<br />एक चेहरा, छिपा अभी भी है -<br />उस कीमती कालीन के नीचे-<br />छिपा हुआ सा एक.....<br /> दलदल भी है ....!!!!! bahut khoob saras ji...आशा बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/09252016355406381145noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-58733929480631338072012-04-24T06:45:10.774-07:002012-04-24T06:45:10.774-07:00ख़ूबसूरत रचना! सरस जी :)ख़ूबसूरत रचना! सरस जी :)avanti singhhttps://www.blogger.com/profile/05644003040733538498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-48550591611707708652012-04-24T06:35:45.721-07:002012-04-24T06:35:45.721-07:00विसंगतियों को आईना दिखा दियाविसंगतियों को आईना दिखा दियाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-90158006210634249872012-04-24T05:53:47.557-07:002012-04-24T05:53:47.557-07:00इस शहर के अनेक चेहरों में -
एक चेहरा, छिपा अभी भी ...इस शहर के अनेक चेहरों में -<br />एक चेहरा, छिपा अभी भी है -<br />उस कीमती कालीन के नीचे-<br />छिपा हुआ सा एक.....<br /> दलदल भी है ....!!!!!.... वाह !! क्या खूब लिखा है ... बेहतरीन प्रस्तुति ... !!<br /><br />एक गुज़ारिश है .. क्षितिजा ही काफी है ... उसे आगे से प्लीज़ 'जी' हटा दीजिये ... :)Dr Xitija Singhhttps://www.blogger.com/profile/16354282922659420880noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-55738641011628819182012-04-24T05:17:53.781-07:002012-04-24T05:17:53.781-07:00इस शहर के अनेक चेहरों में -
एक चेहरा, छिपा अभी भी ...इस शहर के अनेक चेहरों में -<br />एक चेहरा, छिपा अभी भी है -<br />उस कीमती कालीन के नीचे-<br />छिपा हुआ सा एक.....<br /> दलदल भी है!<br /><br />...सचाई तो यही है!...बहुत सुन्दर रचना!Aruna Kapoorhttps://www.blogger.com/profile/02372110186827074269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-74906468368276153312012-04-24T00:16:32.965-07:002012-04-24T00:16:32.965-07:00यह उम्मीदों का शहर भी है-
जो हर शिकस्त से लड़खड़ात...यह उम्मीदों का शहर भी है-<br />जो हर शिकस्त से लड़खड़ाती हैं-<br />लेकिन फिर थाम अपना ही दामन -<br />एक और जंग में जुट जाती हैं ....<br /><br />इस शहर के अनेक चेहरों में -<br />एक चेहरा, छिपा अभी भी है -<br />उस कीमती कालीन के नीचे-<br />छिपा हुआ सा एक.....<br /> दलदल भी है ....!!!!! <br /><br />बेहतरीन है सरस जी आपकी पोस्ट कई बार अल्फाज़ कम पद जाते हैं तारीफ के लिए।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-61839028064288366342012-04-24T00:14:15.959-07:002012-04-24T00:14:15.959-07:00सार्थकता लिए हुए सशक्त अभिव्यक्ति
कल 25/04/201...सार्थकता लिए हुए सशक्त अभिव्यक्ति <br /><i><b> कल 25/04/2012 को आपकी इस पोस्ट को <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com" rel="nofollow"> नयी पुरानी हलचल </a> पर लिंक किया जा रहा हैं.<br /><br />आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद! </b></i><br /><br /><b> ... मैं तबसे सोच रही हूँ ...</b>सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-78419665823288355832012-04-23T11:36:48.196-07:002012-04-23T11:36:48.196-07:00यह उम्मीदों का शहर भी है-
जो हर शिकस्त से लड़खड़ात...यह उम्मीदों का शहर भी है-<br />जो हर शिकस्त से लड़खड़ाती हैं-<br />लेकिन फिर थाम अपना ही दामन -<br />एक और जंग में जुट जाती हैं ....<br /><br /> उम्मीदें भी अभी तक कायम है।Ramakant Singhhttps://www.blogger.com/profile/06645825622839882435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-2663073004645372402012-04-23T09:25:18.060-07:002012-04-23T09:25:18.060-07:00बेहद सशक्त रचना..............
बहुत खूब सरस जी.
ये...बेहद सशक्त रचना..............<br />बहुत खूब सरस जी.<br /><br />ये हमारी दूसरी टिप्पणी है.....पहली स्पाम जी खा गए....<br />अनुANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-38228488536406383162012-04-23T08:48:02.965-07:002012-04-23T08:48:02.965-07:00सपनों का शहर है, इसलिए उम्मीदें भी अभी तक कायम है।...सपनों का शहर है, इसलिए उम्मीदें भी अभी तक कायम है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-19605476260980619302012-04-23T08:20:04.729-07:002012-04-23T08:20:04.729-07:00इस शहर के अनेक चेहरों में -
एक चेहरा, छिपा अभी भी ...इस शहर के अनेक चेहरों में -<br />एक चेहरा, छिपा अभी भी है -<br />उस कीमती कालीन के नीचे-<br />छिपा हुआ सा एक.....<br /> दलदल भी है ....!!!!! <br /><br />....हरेक पंक्ति महानगर की सच्चाई दर्शाती...बहुत सटीक और सशक्त प्रस्तुति...Kailash Sharmahttps://www.blogger.com/profile/12461785093868952476noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-59149257068757407722012-04-23T08:14:38.104-07:002012-04-23T08:14:38.104-07:00इस शहर के अनेक चेहरों में -
एक चेहरा, छिपा अभी भी ...इस शहर के अनेक चेहरों में -<br />एक चेहरा, छिपा अभी भी है -<br />उस कीमती कालीन के नीचे-<br />छिपा हुआ सा एक.....<br /> दलदल भी है ....!!!!! प्रभावशाली रचना.....विभूति"https://www.blogger.com/profile/11649118618261078185noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-72061769029349623342012-04-23T07:50:21.794-07:002012-04-23T07:50:21.794-07:00इसमें ही शहर खुद को जीता है , अन्यथा हादसा बन रह ज...इसमें ही शहर खुद को जीता है , अन्यथा हादसा बन रह जाता है ...रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-32244063332199369772012-04-23T07:38:00.238-07:002012-04-23T07:38:00.238-07:00सुन्दर, ख़ूबसूरत भावाभिव्यक्ति .
कृपया मेरे ब्लॉग...सुन्दर, ख़ूबसूरत भावाभिव्यक्ति .<br /><br /> कृपया मेरे ब्लॉग meri kavitayen की 150वीं पोस्ट पर पधारने का कष्ट करें तथा मेरी अब तक की काव्य यात्रा पर अपनी प्रति क्रिया दें , आभारी होऊंगा .S.N SHUKLAhttps://www.blogger.com/profile/16733368578135625431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-88569621984830638142012-04-23T07:21:28.206-07:002012-04-23T07:21:28.206-07:00अब तो यह शहर ही
अपनी जिंदगी है ।
आभार दीदी ।।...अब तो यह शहर ही <br />अपनी जिंदगी है ।<br /><br /> <br /><br />आभार दीदी ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-90196327024205855202012-04-23T06:17:13.726-07:002012-04-23T06:17:13.726-07:00बहुत ही बढ़िया।
सादरबहुत ही बढ़िया। <br /><br /><br />सादरYashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-54728372494119597322012-04-23T06:00:31.768-07:002012-04-23T06:00:31.768-07:00यह शहर वादों का शहर है -
पर्त दर पर्त चस्पां होते ...यह शहर वादों का शहर है -<br />पर्त दर पर्त चस्पां होते जो -<br />उन चेहरों पे जो गाँव, कस्बों में-<br />राह तकते हैं..बात जोहते हैं .....<br /><br /> वाह !!!!!! बहुत बढ़िया प्रस्तुति,सुंदर रचना,....<br /><br />MY RECENT POST...<a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2012/04/dheerendradheer.html" rel="nofollow">काव्यान्जलि ...:गजल...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4237381525925759933.post-81235700060761840372012-04-23T04:51:26.539-07:002012-04-23T04:51:26.539-07:00शहर है ..विभिन्नताओं से भरा होगा ही..सुन्दर सच्ची ...शहर है ..विभिन्नताओं से भरा होगा ही..सुन्दर सच्ची रचना.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.com